Banayein Jeevan Praanvaan
बनाएँ जीवन प्राणवान Banayen Jeevan Praanvaan

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यह पुस्तक सनातन धर्म की परंपराओं और हिंदू रीति-रिवाजों के पीछे छिपे वैज्ञानिक और आध्यात्मिक महत्व को सरल भाषा में समझाती है। इसमें तिलक लगाने, तुलसी वृंदावन रखने और गोमाता की पूजा जैसे आचरणों का महत्व बताया गया है। साथ ही, जीवन को प्राणवान और सार्थक बनाने के लिए प्रैक्टिकल टिप्स प्रदान किए गए हैं। यह पुस्तक ज्ञानवर्धक होने के साथ-साथ व्यक्तित्व विकास में भी सहायक है और हर घर में रखने योग्य है।

मुकुल कानिटकर एक प्रख्यात भारतीय लेखक और विचारक हैं, जो जीवन, आध्यात्म और मानव कल्याण के क्षेत्र में अपनी गहरी समझ के लिए जाने जाते हैं। उनकी प्रसिद्ध पुस्तक "बनाएं जीवन प्राणवहन" ने लाखों पाठकों को जीवन में संतुलन और सामंजस्य स्थापित करने की प्रेरणा दी है।

मुकुल कानिटकर प्राचीन भारतीय दर्शन और आधुनिक सोच को सहजता से जोड़ते हैं। उनके लेखन का उद्देश्य पाठकों को आत्मज्ञान, मानसिक शांति और उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने के व्यावहारिक उपाय प्रदान करना है। उनकी सरल और प्रभावशाली शैली ने उन्हें उन पाठकों के बीच लोकप्रिय बना दिया है, जो जीवन की जटिलताओं का समाधान ढूंढ़ रहे हैं।

लेखन के अलावा मुकुल कानिटकर सतत जीवनशैली के समर्थक हैं और प्रकृति और मानवता के बीच सामंजस्य बढ़ाने के लिए कार्यशालाओं और संवादों में भाग लेते हैं। उनकी प्रेरक सोच और शिक्षाएं सभी पीढ़ियों के लोगों को आत्मा और मन को पोषित करने की महत्ता को समझने में मदद करती हैं।

World Record for Surya Namaskar
On September 19, 2004, in Gwalior, India, around 15,000 children from 180 schools set a world record by performing 180,000 surya namaskars (sun salutations). Organized by the Vivekananda Centre and presided over by Madhya Pradesh CM Babulal Gaur, the event aimed to promote holistic personality development and unity among children. Mukul Kanitkar, the organizer, highlighted the global promotion of yoga through the event. A seven-year-old participant, Mridul Gupta, vowed to serve the nation. Surya namaskar is widely recognized as an effective exercise for fitness and weight loss.

इस पुस्तक में सनातन धर्म की वैज्ञानिकता और हिंदू धर्म के गूढ़ रहस्यों को सरलता से समझाने का प्रयास किया गया है। हिन्दू परंपराओं और रीति-रिवाजों के पीछे छिपे विज्ञान को उजागर करते हुए, यह पुस्तक तिलक लगाने, गोमाता की पूजा, तुलसी वृंदावन रखने जैसे दैनिक आचरणों का महत्व बताती है।
यह पुस्तक न केवल सनातन धर्म के प्रति आस्था को सुदृढ़ करती है, बल्कि इसमें वैज्ञानिक और व्यावहारिक दृष्टिकोण से जुड़ी जानकारियाँ भी प्रदान की गई हैं। जीवन को प्राणवान और सार्थक बनाने के लिए इसमें प्रैक्टिकल टिप्स दिए गए हैं, जो सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास में सहायक हैं।
प्रमुख विशेषताएँ:
हिन्दू धर्म से जुड़े आचरणों और परंपराओं का वैज्ञानिक आधार।
दैनिक जीवन में विज्ञान और अध्यात्म का समन्वय।
जीवन को प्राणवान बनाने हेतु उपयोगी सुझाव।
उपहारस्वरूप भेंट करने के लिए अत्यंत उपयुक्त।
यह पुस्तक हर घर में रखने योग्य है और अपने परिचितों को भेंट स्वरूप देने के लिए भी आदर्श है। यदि आप धर्म और विज्ञान के सम्मिलन को समझना चाहते हैं, तो यह पुस्तक आपके लिए आवश्यक है।
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धर्म और विज्ञान का अद्भुत समन्वय

यह पुस्तक सनातन धर्म की गहराई और उसकी वैज्ञानिकता को बहुत ही सरल और प्रभावशाली तरीके से समझाती है। तिलक, तुलसी वृंदावन, और गोमाता जैसे विषयों को पढ़कर मन में उठने वाले सभी प्रश्नों के उत्तर मिले। जीवन को प्राणवान बनाने के लिए दिए गए प्रैक्टिकल टिप्स बेहद उपयोगी हैं। यह न केवल ज्ञानवर्धक है बल्कि व्यक्तित्व विकास के लिए भी प्रेरणादायक है। हर घर में इस पुस्तक का होना जरूरी है। इसे पढ़ने के बाद इसे उपहार स्वरूप भेंट करने का विचार मन में स्वतः आता है। पांच सितारों से भी अधिक देने का मन करता है!

CUST-2024-00001 27 December 2024